भारत में मन्दिरों को तोडने वाली पार्टी के रूप में जानी जाएगी भारतीय जनता पार्टी -: स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ।

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काशी में हो रहे देव मंदिरों के विध्वंस देव मूर्तियों के अपमान और देव विग्रहों की पूजा से सनातन धर्मियों को वंचित कर रहे किए जाने के विरुद्ध “मंदिर बचाओ आंदोलनम्” के अंतर्गत आज प्रातः काल 7:00 बजे से असि संगमेश्वर महादेव की पूजा कर “काशी बचाओ मंदिर बचाओ यात्रा” आरंभ हो गई ।

यात्रा के क्रम में असि संगमेश्वर, भद्र विनायक,अर्क विनायक, चंद्रकूप, पराशरेश्वर महादेव , अमरनाथ, महिषासुर मर्दिनी, जगन्नाथ जी , साक्षी गोपाल जी, पुष्कर तालाब, ब्रह्मा वेद विद्यालय, सिद्धेश्वर महादेव, पंचरत्न मंदिर, कुरुक्षेत्र, स्वर्ण लिंगेश्वर, दुर्गा कुंडेश्वर, दर्प विनायक, ज्वरहरेश्वर, ज्वरहरेश्वरी देवी, तिलपर्णेश्वर, शुष्केश्वर महादेव, नागेश्वर महादेव, राधा कृष्ण मंदिर, सीता राम मंदिर, संकुधारा,द्वारकाधीश मंदिर, बैजनाथ महादेव, कामाख्या देवी, प्रत्यंगिरा देवी, बटुक भैरव, उन्मत्त भैरव,देवरिया वीर, कूटदन्त विनायक, क्रीं कुंड और हयग्रीव केशव आदि काशी खण्डोख्त मंदिरों का दर्शन किया गया ।

यात्रा मध्यान्ह लगभग 12:30 बजे भदैनी पहुंची और वहां हयग्रीव केशव का दर्शन कर यात्रा ने विराम लिया ।

 

 

 

सायंकाल माता आनंदमई आश्रम परिसर में क्षेत्रीय लोगों की एक सभा का आयोजन किया गया । जिसमें अनेक वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए सभी ने एक स्वर से काशी विश्वनाथ कोरिडोर योजना का विरोध किया ।

अध्यक्षता करते हुए स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने कहा कि हमारे हिंदू सनातन धर्म प्रतीकों को हानि पहुंचाने और नष्ट करने का प्रयास आज से नहीं विगत अनेक वर्षों से चल रहा है । उन्होंने कहा कि सनातन धर्म आस्था का केंद्र को नष्ट करने का प्रयास भारत में अपना साम्राज्य जमा चुके मुगलों ने किया जब अंग्रेज यहां के शासक बने तो उन्होंने यहां के गुरुकुलों को समाप्त करने का काम किया और अब जब भारतीय जनता पार्टी शासन में आई है तो लगता है कि आने वाला इतिहास भारतीय जनता पार्टी को देश से हिंदू मंदिरों को समाप्त करने वाली पार्टी के रूप में निरूपित करेंगे । जिस तरह से धर्म प्राण नगरी काशी, मंदिरों का शहर काशी, गलियों का शहर काशी, आधुनिक योजनाओं के नाम पर उजाड़ा जा रहा है और जिस तरह विकास के नाम पर सहस्राब्दियों से स्थापित धरोहर को नष्ट किया जा रहा है उसको देखकर तो यही लगता है कि हम किसी विधर्मी के शासनकाल में रह रहे हैं ।

यात्रा कल प्रातः 6:00 बजे से आरंभ होकर तिलभांडेश्वर महादेव, चिंतामणि गणेश, केदारेश्वर महादेव, हरिश्चंद्रेश्वर महादेव आदि के दर्शन करते हुए क्षेमेश्वर घाट पहुचेगी। सायं की सभा और रात्रि विश्राम वहीं होगा।

“काशी बचाओ मंदिर बचाओ” के अन्तर्गत सभी काशी खंडोंक्त मंदिरों का दर्शन करते हुए दिनांक 29 मई को यात्रा पूरी होगी और उसी दिन एक बड़ी सभा के माध्यम से मंदिर बचाओ आंदोलन का दूसरा चरण घोषित किया जाएगा ।

कार्यक्रम में ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानन्द, स्वामी उद्धव स्वरूप, ब्रह्मचारी कृष्णप्रिया आनंद, ब्रह्मचारी योगेश्वरान्नद, डाक्टर श्रीप्रकाश मिश्र, गिरीश चंद्र तिवारी, शिवप्रसाद पांडे, कवि बृजेंद्र मिश्र दमदार बनारसी जी, विवेक तिवारी जी मोनिका जी कुशला दुबे विजया तिवारी मीरा पाण्डेय उर्मिला शुक्ल आदि जन उपस्थित रहे ।