ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को मिथ्या कलंक लगता है यानि बिना किसी वजह से व्यक्ति पर झूठा आरोप लग जाता है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण को भी चंद्र दर्शन की वजह से मिथ्या का शिकार होना पड़ा था। गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को लेकर एक पौराणिक मत है कि इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था, जिसकी वजह से चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया। यदि भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए तो शास्त्रों में इसके लिए चंद्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र का विवरण है। ऐसा होने पर इस मंत्र का 28, 54 या 108 बार जाप करना चाहिए। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत के दसवें स्कन्द के 57वें अध्याय का पाठ करने से भी चन्द्र दर्शन दोष समाप्त हो जाता है।
*चन्द्र दर्शन दोष निवारण मन्त्र*
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।