सनातनी समाज को मिला एक और योद्धा- मयंकशेखर मिश्र बने ब्रह्मचारी प्रत्यक्चैतन्यानन्द

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भारत की पवित्र भूमि के लिए यह कहा जाता है कि *वीरभोग्या वसुन्धरा* । यह पुण्य भूमि वीरों से भरी-पूरी है । जब-जब भी सनातन धर्म पर संकट के बादल घिरते दिखते हैं कोई न कोई लाल इस भारत भूमि पर सनातनी समाज की रक्षा के लिए स्वयं को आगे प्रस्तुत करता है ।

परम सौभाग्य की बात है कि आज सनातनी परम्परा की रक्षा के लिए एक और योद्धा के रूप में हम सबको मयंक शेखर मिश्र ब्रह्मचारी प्रत्यक्चैतन्यानन्द जी के रूप में प्राप्त हुए हैं ।

आज संवत् 2075 विक्रमी माघ शुक्ल द्वितीया तदनुसार दिनांक 6 फरवरी 2019 को अर्धकुम्भ के अवसर पर प्रयाग के मनोकामेश्वर महादेव मन्दिर में मयंक शेखर मिश्र की नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा सविधि सम्पन्न हुई ।
पूज्यपाद अनन्तश्रीविभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के आदेशानुसार स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने महावाक्य का उपदेश कर उन्हें ज्योतिर्मठ का दीक्षित ब्रह्मचारी बनाया । दीक्षा के बाद उनका नामकरण किया गया । अब वे ब्रह्मचारी प्रत्यक्चैतन्यानन्द के रुप में समाज में जाने जाएँगे । महावाक्य मन्त्रोपदेश एवं नामकरण स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज द्वारा हुई ।

दीक्षा के बाद सर्वप्रथम उन्होंने अपने माता-पिता एवं पूज्यपाद अनन्तश्रीविभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया । तदनन्तर शंकराचार्य परम्परा के सभी वरिष्ठ संन्यासियों एवं ब्रह्मचारियों को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया ।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें बचपन से ही स्वामिश्रीः का दिव्य सान्निध्य मिला और उनकी छत्रछाया में सनातन धर्म को उसके वास्तविक रूप में समझने का अवसर मिल रहा है । हम अपनी सम्पूर्ण निष्ठा से सनातन धर्म की सेवा के लिए गुरु आज्ञानुसार सदैव प्रस्तुत हैं ।

प्रमुख रूप से ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानन्द जी, श्रीमहन्थ महाराजमणि शरण सनातन जी महाराज, ब्रह्मचारी योगेश्वरानन्द जी, ब्रह्मचारी लीलाविनोदानन्द जी, साध्वी पूर्णाम्बा, साध्वी शारदाम्बा, पं राम सजीवन शुक्ल जी, पं ब्रजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी जी, श्री जितेन्द्र खुराना जी, डा विजय शर्मा जी, श्री सतपाल शर्मा जी, श्रीमती उर्मिला शुक्ल आदि विशिष्ट जन उपस्थित रहे जिन्होंने ब्रह्मचारी प्रत्यक्चैतन्यानन्द जी के उज्जवल भविष्य की कामना की । फेसबुक एवं ट्विटर पर भी उनके मित्रों एवं शुभचिन्तकों के अनेक शुभकामना सन्देश कल से ही आने शुरू हो गये थे ।