कांचिकामकोटि मठ को सौंपा गया बैतूल का बालाजीपुरम मंदिर

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बैतूल जिले के बैतूलबाजार स्थित श्री रुख्मिनी बालाजी मंदिर (बालाजीपुरम) का संचालन रविवार को  शंकराचार्य कांचिकामकोटि मठ को सौंप दिया गया। मंदिर के संस्थापक व  सैम वर्मा ने हस्तांतरण कार्यक्रम में पूरे विधि-विधान से मंदिर की स्वर्ण कुंजिका मठ के प्रतिनिधि श्रीसुदर्शन  को सौंपी। अब बालाजीपुरम समेत उससे जुड़ी करोड़ों रुपये की संपत्ति के ट्रस्ट का संचालन आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित इस पीठ द्वारा किया जाएगा। मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन तीन से चार हजार श्रद्धालु आते हैं।

सैम वर्मा ने बताया कि उनकी उम्र अब 80 साल की हो चुकी है। वे बालाजीपुरम को अपने परिवार की संपत्ति नहीं बनाना चाहते हैं इसलिए वे बालाजीपुरम संचालन के लिए बने ट्रस्ट से इस्तीफा दे रहे हैं। उनके परिवार या उनसे जुड़े कोई भी सदस्य अब ट्रस्टी नहीं रहेंगे। उनके पूरे परिवार और समस्त ट्रस्टियों ने सामूहिक रूप से खुशी के साथ बालाजीपुरम के संचालन से हटने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बालाजीपुरम की संपूर्ण परिसंपत्तियों पर अब पूर्ण मालिकाना हक कांचिकामकोटि मठ का होगा। इसके साथ बालाजीपुरम के समस्त बैंक खाते, फिक्स डिपाजिट आदि सभी कुठ मठ के अंतर्गत होगा। वे एक सामान्य भक्त की ही तरह बालाजीपुरम से जुड़े रहेंगे।

 

का स्थान दिया गया था। अब उसी तारतम्य में संपूर्ण संचालन भी इस पीठ को सौंप दिया गया है। मंदिर को सौंपने का प्रस्ताव लेकर वे दिसंबर 2020 में कांचीकामकोटि मठ गए थे और शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया था। अब मंदिर संचालन के लिए ट्रस्टियों की नियुक्ति की जाएगी। स्वर्ण कुंजिका का किया हस्तांतरण बालाजीपुरम में रविवार सुबह 10.30 बजे से स्वर्ण कुंजिका हस्तांतरण कार्यक्रम शुर हुआ। इसके तहत बालाजी मंदिर के मुख्य पट के ताले की सोने से बनी चाबी मठ के प्रतिनिधि को सौंप दी गई। इस दौरान दक्षिण भारतीय पद्धति से पूजन पाठ किया गया