’रेरा’ बद्दल माहिती सर्वसामान्य नागरिकांपर्यंत पोहोचायला हवी

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बांधकाम व्यवसायाला शिस्त लावतानाच बिल्डरांच्या विस्कळीत आणि मनमानी कारभाराला चाप लावेल आणि ग्राहकांना दिलासा देईल अशी आशा लावणारा ‘रिअल इस्टेट रेग्यूलेशन अॅक्ट’ अर्थात ‘रेरा’ कायदा लागू झाल्यानंतर घडलेल्या घडामोडींनंतर हा कायदा ग्राहकांना किती दिलासा देउ शकेल याबद्दल संभ्रम निर्माण झाला आहे. अशा स्थितीत ग्राहकांना काय करावे लागेल कोणते, पर्याय उपलब्ध आहेत ? यावर शासनाने विस्तृत माहिती सर्वसामान्य जनतेपर्यंत पोहोचवायला हवी 
इन राज्यों में लागू हैं रेरा के नियम 

रियल एस्टेट रेगुलेटर की तैयारी अंतिम चरण में है। रेरा को लेकर सभी राज्यों में तैयारियां जोरों पर हैं। कुछ राज्यों ने रेरा के नियमों को नोटीफाई किया है जबकि अन्य राज्यों में ड्राफ्ट लेवल पर काम जारी है। रियल एस्टेट रैगुलेटर से बिल्डरों पर लगाम कसेगी और घर खरीदारों को नई ताकत हासिल होगी। इसके साथ ही ब्रोकरों की मनमानी भी बंद होगी। हर राज्य में रियल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी बनेगी और हर राज्य में रेगुलेटर नियुक्त होगा।

जिन राज्यों में रेरा के नियमों को नोटीफाई किया गया है उनमें केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, मिजोरम, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, अंडेमान और निकोबार द्वीप समूह और चंडीगढ़ शामिल हैं जबकि उड़ीसा, बिहार, झारखंड, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा, दादर और नगर हवेली, दमन ओर द्वीव में इसके लागू होने की संभावना है।