उक्त उद्गार स्वामिश्रीः ने आज भागवती वार्ता चेतना समिति द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय “श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान-प्रेम यज्ञ” के उद्घाटन अवसर पर कही ।
स्वामिश्रीः ने बताया कि मनुष्य को निरन्तर अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए क्योंकि चार पुरुषार्थों मे धर्म और मोक्ष इन्ही दोनो की प्राप्ति हेतु भगवान ने अहैतुकी कृपा कर हमें ये अवसर प्रदान किया है और उस धर्म का उपार्जन हम इन्हीं आयोजनों में दिए गए उपदेश के माध्यम से कर सकेंगे ।
कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट जन स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती जी, अभिनव पाणिनी श्री रामयत्न शुक्ल जी, श्री जोशी जी, कथा व्यास श्री कृष्णा दीक्षित जी तथा संचालक श्री कृष्णकुमार तिवारी जी आदि विशिष्ट जन उपस्थित रहे ।