*हम कोरिडोर योजना का नही, मन्दिरों और मूर्तियों के तोडने का विरोध कर रहे :- स्वामी श्री  अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती*

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आज वाराणसी के लगभग सभी अखबारों में “काशी विश्वनाथ कोरिडोर योजना किसी हालत में बनकर रहेगी” इस शीर्षक का समाचार प्रकाशित हुआ है।

जिससे प्रतीत होता है कि प्रशासन यह कहना चाह रहा कि जनता कितना भी विरोध करे हम तानाशाही रवैया अपनाएंगे और योजना पूरी करेंगे ।

यद्यपि यह बात लोकतांत्रिक नहीं है पर वर्तमान सरकार का रवैया ही ऐसा है कि सुन लेना पड़ता है ।

पर इस सन्दर्भ में कुछ बातें स्पष्ट करना जरूरी है ।
इस सम्बन्ध में हमारा यह स्पष्ट कहना है कि हम काशी विश्वनाथ परिसर के सुन्दरीकरण और विस्तारीकरण या सरकार की किसी और योजना के न तो विरोधी हैं और न ही विरोध कर रहे हैं । इसी तरह हम कोरिडोर योजना के भी विरोधी नहीं हैं ।

हमारा विरोध मात्र इस बात पर है कि योजना को पूरा करने के लिये मन्दिरों को क्यों तोड़ा फोड़ा जा रहा है । हमारा कहना है कि मन्दिरों और देवमूर्तियों को मत तोडिये ।
हमने आरम्भ से ही अपने वक्तव्यों मे यह स्पष्ट रूप से कहा है कि हम काशी के प्राचीन , परंपरा से पूजित और पौराणिक मन्दिरों तोडे जाने के विरोधी हैं।

जिन मन्दिरों और मूर्तियों को हमारे पूर्वजों ने स्थापित किया और जिनकी पूजा अर्चना न केवल हम मनुष्य परम्परा से करते आये अपितु यक्षों, गन्धर्वों द्वारा भी जिनकी पूजा की जाती रही उन मन्दिरों और मूर्तियों को तोडना किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा।

विश्वनाथ कॉरिडोर से विरोध नहीं पर एक भी मन्दिर नहीं तोड़े जाने चाहिये ।

*मन्दिर बचाओ महायज्ञ का सबको आमन्त्रण*
आगामी 28 जून से 4 जुलाई तक हम इन्हीं मन्दिरों को बचाने के उद्देश्य से सर्वदेव कोपहर प्रीतिकर मन्दिर बचाओ महायज्ञ का आयोजन श्रीविद्यामठ में करने जा रहे हैं। इसमें सभी सनातनधर्मियों को आने की स्वतन्त्रता है ।

कोई भी राजनेता, अधिकारीगण भी यदि इस महायज्ञ में सम्मिलित होना चाहें तो वे आ सकते हैं लेकिन बस शर्त यही रहेगी कि वे नेता या अधिकारी बनकर नहीं अपितु सच्चे सनातनधर्मी के रूप में मन्दिर बचाने के स्वस्थ उद्देश्य के लिए आएं ।

जब तक केन्द्र और प्रदेश की सरकारें यह साफ नहीं कर देतीं कि काशी में कोई मन्दिर नहीं तोड़ा जायेगा तब तक मन्दिर बचाओ आन्दोलनम् चलता रहेगा ।

सरकार आज इस आशय की घोषणा करे तो आज आन्दोलनम् समाप्त हो जायेगा ।

*हमें मिल रहा है व्यापक जन समर्थन*
जनता अभी तक इस विषय पर इसीलिए मौन दिखाई दे रही है क्योंकि उसे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि काशी में मन्दिर तोड़े जा रहे हैं । यहां के अखबार तो दबाव में हैं इसलिए उन्होंने इस आशय के समाचार छापे ही नहीं हैं पर इण्डिया टुडे के ताजा अंक में समाचार छपने के बाद लोगों को जैसे जैसे पता चल रहा है लोग आक्रोशित हो रहे हैं । शीघ्र ही जनता का प्रबल विरोध दिखाई देने लगेगा ।

*अखबारों के लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की छवि अब समाप्त हो रही है जो चिन्ता का विषय है*

काशी में मन्दिरों के तोड़े जाने का इतना बडा समाचार मीडिया द्वारा छिपा लिये जाने से आम जनता के मन में अब यह छवि जा रही है कि अब मीडिया सरकार का हथियार अधिक बन गया है जनता की आवाज़ कम ।
जो कि लोकतंत्र के लिये ठीक स्थिति नहीं है ।
हम वस्तु स्थिति को सबके सामने लाने के लिये इण्डिया टुडे का आभार व्यक्त करते हैं ऐसा अविमुक्तेश्वरानन्दः जी ने कहा