चांदुर रेल्वे- (शहेजाद खान)
रमजान मुबारक का तीसरा असरा ढलान पर है। तीसरे असरे की 27वीं शब को शब-ए-कद्र के रूप में मनाया जाता है। इसी मुकद्दस रात में कुरआन भी मुकम्मल हुआ। रमजान के तीसरे असरे की पाँच पाक रातों में शब-ए-कद्र खोजा जाता है। ये इबादत की रात होती है। आज के दिन बड़ा रोजा रखा जाएगा और कुरान पूरे किए जाएँगे। शहर के मस्जिदों में तरवीह की नमाज अदा की, वहाँ कुरान हाफिजों का आज सम्मान किया जाएगा। साथ ही सभी मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम साहेबान का भी मस्जिद कमेटियों की तरफ से इनाम-इकराम देकर इस्तकबाल किया जाएगा। आज शबे कद्र को रात भर इबादत करते है।
इस रात में अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं। गुनाह बक्श दिए जाते हैं। दोजख की आग से निजात मिलती है। वैसे तो पूरे माहे रमजान में बरकतों और रहमतों की बारिश होती है। ये अल्लाह की रहमत का ही सिला है कि रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियाँ नामे-आमाल में जुड़ जाती हैं, लेकिन शब-ए-कद्र की विशेष रात में इबादत, तिलावत और दुआएँ कुबूल व मकबूल होती हैं। अल्लाह ताअला की बारगाह में रो-रोकर अपने गुनाहों की माफी तलब करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस रात खुदा ताअला नेक व जायज तमन्नाओं को पूरी फरमाता है।